पट्टामुंन्डाइ 31.7- केंद्रापड़ा जिला पट्टामुंन्डाइ अलापुआ पंचायत दामोदर पटना, सुबलपुर, मनिरामपुर गांव ब्राह्मणी नदी के तट पर स्थित हैं, लेकिन अब नदी को अपना रास्ता बदलते हुए गांव की ओर आते देख ग्रामीण लोगो घबरा गए हैं। गांव की कृषि भूमि अब नदी में समा चुकी है। स्थानीय निवासियों ने आरोप है कि कई बार तटबंध विभाग के अधिकारियों को नदी किनारे बने पथर पैकिंग के ध्वस्त जाने की सूचना दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
अलपुआ गांव के सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र धल कहते हैं कि तटबंध विभाग के अधिकारियों से बार-बार नदी किनारे गिरना की शिकायत करने पर किसी को कोई परवाह नहीं है. ब्राह्मणी बाढ़ के दौरान इस क्षेत्र के लोगों की नींद उड़ जाती है। यदि नदी में 20 फीट से अधिक बाढ़ का पानी आ जाता है तो लोगों को परेशानी में रात गुजारनी पड़ती है. खासकर सुबलपुर से विदरूपा तक लोग पिछली घटना को याद कर दहशत में हैं. पिछले दिनों करीब डेढ़ किमी चौड़ी मनिघई की घटना लोगों के जेहन से नहीं मिटी है. मनेइघई में बाढ़ के दौरान करीब 5 बार बांध टूटा और लोगों को बेघर होना पड़ा. उन्होंने कहा कि तटबंध विभाग खमखियाली नीतिसे इस गांव के लोगों को परेशानी हो सकती है.
सुबलपुर गांव निवासी संदीप महालीक का कहना है कि बारिश के मौसम से पहले मरम्मत और पत्थर पैकिंग के लिए जरूरी हो चुके आली बान्हबाद डिवीजन अंतर्गत ब्राह्मी बांध की स्थिति को विभागीय अधिकारी नजरअंदाज कर रहे हैं. सबलपुर में ब्राह्मणी नदी के बायीं ओर नदी का कटाव अधिक खतरा पैदा कर रहा है. स्थानीय लोग दहशत में हैं.
पूर्व जिला परिषद सदस्य नारद बिस्वाल ने कहा, पट्टामुंन्डाइ जल संपद विभाग ने ब्राह्मणी नदी के दक्षिणी किनारे पर नदी के तटबंध पर पत्थरों की पैकिंग कर सुधार कियाहै। लेकिन बायीं ओर का नदी तटबंध तटरक्षक विभाग के अधीन है। लेकीन कोई काम नेहीं होताहे । दामोदरपटना रेत खदान से अवैध रेत त्खनन के कारण ब्राह्मणी बाम पश्वा नदी का तट कमजोर हो रहा है। इस संबंध में बार-बार तहसीलदार से जनमत शिकायत की गई । लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिलते हैं और कोई कार्रवाई नहीं होती. बाढ़ के दौरान नदियों के बांध टूट जायेंगे और हजारों लोगों की जिंदगी और आजीविका नष्ट हो जायेगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जायेगा.
मनीरामपुर गांव के निवासी जगबंधु धल ने कहा, “जब बारिश होती है, तो ब्राह्मणी नदी किनारा से मिट्टी गिररहा होती है, हर साल नदी अपना रास्ता बदलती है और गांव की ओर बढ़ती है। सुबलपुर गांव के 30 परिवार किनारे में हैं. कई लोगों के खेत नदी में समा गये हैं. हालाँकि अधिकांश लोगों की आजीविका कृषि है, लेकिन भूमि नष्ट हो गई है क्योंकि वे नदी के किनारे खा रहे हैं। कुछ साल पहले यह नदी से 300 मीटर दूर था, जबकि 2 साल हो गए, 50 मीटर तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि गांव के लोगों ने प्रशासन को स्थायी समाधान की जानकारी दी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल रहा है.
स्थानीय लोगों ने कहा, ”जब ब्राह्मणी नदी में बाढ़ आती है तो बाढ़ निरोधक बांध के अंदर रहने वाले लोग दहशत में रहते हैं.” अतीतमे मनई घाई का बांध टूटा थी तब यहां व्यापक क्षति पहुंचायी थी. केंद्रीय टीम ने दौरा कर इसे तुरंत दुरुस्त करने का आदेश दियाथा . हालांकि अभी तक इसकी मरम्मत शुरू नहीं हो सकी है. अल्ली तटबंध के अंतर्गत ब्राह्मी बान्धकी मरामत अति आवश्यक है। नदी के किनारे से खतरा अधिक हो रहा है। इसलिए इस बार बाढ़ आने पर व्यापक क्षति की आशंका कि जाति हे. इस संबंध में अली बन्धबाद डिवीजन अधीक्षण यंत्री सुब्रत दाश से पुछनेसे उन्होंने कहा कि इस कार्य का खर्च जल्द ही उठाया जायेगा. लेकिन दामोदरपटना, मनीरामपुर, सुबलपुर गांव के लोगों ने इन बातों पर असंतोष जताया है. वे कहते हैं कि अतीत मे इसी प्रकार बात बहुत बार कहाज्ञाया हे । लेकिन कोई कम नहीं होताहे ।